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बेंगलुरू: पहले दिल्ली 
और अब दक्षिण भारत में भी देशविरोधी नारेबाजी की गूंज सुनाई पड़ी है। बेंगलुरु में एमनेस्टी इंटरनेशनल के कार्यक्रम में लगे देशविरोधी नारे के 
बाद पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज किया है। 
आरोप है कि शनिवार को यहां कश्मीरी 
छात्रों ने ‘आजादी’ और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की थी। आपको बता 
दें कि फरवरी महीने में दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी देशविरोधी 
नारे लगे थे जिसके बाद इस मामले में काफी तूल पकड़ा था। 
क्या है पूरा मामला?
पुलिस ने ‘आजादी समर्थक’ कश्मीरियों 
द्वारा ‘आजादी’ के नारे लगाए जाने के सिलसिले में एमनेस्टी इंटरनेशनल 
इंडिया के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज की। एमनेस्टी इंटरनेशनल के खिलाफ 
देशद्रोह समेत 5 धाराओं में केस दर्ज किया गया है। 
‘आजादी समर्थक’ कश्मीरियों में अधिकतर 
युवा और छात्र थे और उनकी कश्मीरी पंडितों के उस नेता के साथ गर्मागम बहस 
हुयी थी जिन्होंने भारतीय सेना की सराहना की थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया
 कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है और मामले में आगे जांच की जाएगी। 
उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता की 
विभिन्न धाराओं के तह प्राथमिकी दर्ज की गयी है। एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया
 ने शनिवार को यहां यूनाइटेड थियोजिकल कालेज में एक पैनल चर्चा का आयोजन 
किया था। कार्यक्रम में उस समय गड़बडी पैदा हुयी जब कुछ ‘आजादी समर्थक’ 
कश्मीरियों की कश्मीरी पंडितों के एक नेता के साथ गर्मागम बहस हुयी। नेता 
ने भारतीय सेना की सराहना की थी। 
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कल कहा था कि इसमें शामिल लोगों की पृष्ठभूमि और इरादे की जांच की जाएगी। 
कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को 
‘राष्ट्र विरोधी’ बताते हुए इसके खिलाफ कल विरोध प्रदर्शन किया था। उन 
लोगों ने पुलिस में एक शिकायत भी दर्ज करायी थी और कार्यक्रम के वीडियो की 
एक सीडी भी पुलिस को सौंपी। 
आपको बता दें कि एमनेस्टी इंटरनेशनल 
मानवाधिकार के लिए काम करने वाली अंतराष्ट्रीय संस्था है, संस्था को 1977 
में नोबल पुरस्कार भी मिला था। 
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