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लखनऊ.यूपी की सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस लगातार
एक्सपेरीमेंट कर रही है। इसे देखते हुए ही पार्टी विधानसभा चुनाव में
कैंडिडेट्स के जनाधार के दावे को परखने के बाद ही उन्हें मैदान में
उतारेगी। दावेदारों को राहुल गांधी की परीक्षा में पास होना होगा। 9500 दावेदारों से मिलेंगे राहुल...
- बता दें, लखनऊ में 29 जुलाई को राहुल का संवाद कार्यक्रम है।
- इसमें यूपी की 403 सीटों के लिए चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले करीब 9500 दावेदारों को पहुंचने का निर्देश हाईकमान की तरफ से मिला है।
- यूपी में कांग्रेस ने अपनी पूरी टीम बदलने के बाद कैम्पेन छेड़ा हुआ है।
- पहले फेज का '27 साल, यूपी बेहाल' कैम्पेन (रथ यात्रा) 25 जुलाई को पूरा हो चुका है।
- इसमें यूपी की 403 सीटों के लिए चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले करीब 9500 दावेदारों को पहुंचने का निर्देश हाईकमान की तरफ से मिला है।
- यूपी में कांग्रेस ने अपनी पूरी टीम बदलने के बाद कैम्पेन छेड़ा हुआ है।
- पहले फेज का '27 साल, यूपी बेहाल' कैम्पेन (रथ यात्रा) 25 जुलाई को पूरा हो चुका है।
- यह रथयात्रा करीब 60 हजार किमी की दूरी करेगी।
- कांग्रेस की कोशिश है कि 27 दिन तक चलने वाली इस रथयात्रा में ज्यादा से ज्यादा जिलों को कवर किया जाए।
- कांग्रेस की कोशिश है कि 27 दिन तक चलने वाली इस रथयात्रा में ज्यादा से ज्यादा जिलों को कवर किया जाए।
प्रोग्राम में शामिल होने के लिए कराना है रजिस्ट्रेशन
- सूत्रों के मुताबिक, 9500 दावेदारों से संवाद कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने को कहा गया है।
- इन लोगों से राहुल गांधी खुद रूबरू होंगे। राहुल उनसे कुछ सवाल भी कर सकते हैं।
- एक तरह से राहुल की परीक्षा में शामिल होने का लाभ टिकट हासिल करने में मिलेगा।
- फिलहाल पार्टी दिसंबर में ही चुनाव मानकर पहले फेज में करीब 300 सीटों पर कैंडिडेट के नाम फाइनल करने की स्ट्रैटजी पर काम कर रही है।
- हालांकि, पार्टी का कहना है कि 29 को नाम फाइनल नहीं होंगे, लेकिन स्क्रीनिंग कमेटी में होने वाले चयन में मदद जरूर मिलेगी।
- इन लोगों से राहुल गांधी खुद रूबरू होंगे। राहुल उनसे कुछ सवाल भी कर सकते हैं।
- एक तरह से राहुल की परीक्षा में शामिल होने का लाभ टिकट हासिल करने में मिलेगा।
- फिलहाल पार्टी दिसंबर में ही चुनाव मानकर पहले फेज में करीब 300 सीटों पर कैंडिडेट के नाम फाइनल करने की स्ट्रैटजी पर काम कर रही है।
- हालांकि, पार्टी का कहना है कि 29 को नाम फाइनल नहीं होंगे, लेकिन स्क्रीनिंग कमेटी में होने वाले चयन में मदद जरूर मिलेगी।
जिलाध्यक्षों के पैनल पर आंख मूंदकर विश्वास नहीं
- कहा जा रहा है कि इस बार पार्टी मजबूत कैंडिडेट को ही मैदान में उतारेगी।
- सिर्फ जिलाध्यक्षों की तरफ से भेजे गए पैनल पर आंख मूदकर विश्वास नहीं करेगी।
- जिलाध्यक्षों से ये भी कहा गया है कि वह पैनल में शामिल नामों के बारे में डिटेल में बताएं कि उनका चयन क्यों किया गया है।
- सिर्फ जिलाध्यक्षों की तरफ से भेजे गए पैनल पर आंख मूदकर विश्वास नहीं करेगी।
- जिलाध्यक्षों से ये भी कहा गया है कि वह पैनल में शामिल नामों के बारे में डिटेल में बताएं कि उनका चयन क्यों किया गया है।
पीके और कार्यकर्ताओं की राय को भी किया जाएगा शामिल
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कांग्रेस के दावेदारों में से कैंडिडेट का नाम तय करने में पार्टी
स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर की टीम और क्षेत्र के प्रमुख कार्यकर्ताओं की
राय से सामने आने वाले नाम को वरायती दी जाएगी।
- पीके की टीम ने भी संभावित कैंडिडेट्स का एक संभावित पैनल तैयार कर हाईकमान को सौंप दिया है।
- पीके की टीम ने भी संभावित कैंडिडेट्स का एक संभावित पैनल तैयार कर हाईकमान को सौंप दिया है।
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