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नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले की जांच के लिए महाराष्ट्र पुलिस से कहने के निचली अदालत के आदेश में पहली नजर में खामी पाते हुए कहा कि मजिस्ट्रेट पुलिस को निजी आपराधिक मानहानि शिकायत की जांच के लिए नहीं कह सकते क्योंकि मामला शिकायतकर्ता को साबित करना होता है।
आरएसएस पर महात्मा गांधी की हत्या का कथित रूप से आरोप लगाने संबंधी टिप्पणियों के लिए मानहानि शिकायत का सामना कर रहे राहुल ने शीर्ष अदालत से इसे निरस्त करने का अनुरोध किया है। शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की थी कि राहुल को किसी संगठन (आरएसएस) की ‘सामूहिक निंदा’ नहीं करनी चाहिए थी और अगर वह खेद नहीं जताते हैं तो उन्हें सुनवाई का सामना करना होगा।
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नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले की जांच के लिए महाराष्ट्र पुलिस से कहने के निचली अदालत के आदेश में पहली नजर में खामी पाते हुए कहा कि मजिस्ट्रेट पुलिस को निजी आपराधिक मानहानि शिकायत की जांच के लिए नहीं कह सकते क्योंकि मामला शिकायतकर्ता को साबित करना होता है।
आरएसएस पर महात्मा गांधी की हत्या का कथित रूप से आरोप लगाने संबंधी टिप्पणियों के लिए मानहानि शिकायत का सामना कर रहे राहुल ने शीर्ष अदालत से इसे निरस्त करने का अनुरोध किया है। शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की थी कि राहुल को किसी संगठन (आरएसएस) की ‘सामूहिक निंदा’ नहीं करनी चाहिए थी और अगर वह खेद नहीं जताते हैं तो उन्हें सुनवाई का सामना करना होगा।
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