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जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में
अलगावादियों के मार्च को विफल करने के लिए शहर के पांच थाना क्षेत्रों सहित
कश्मीर के कुछ हिस्सों में आज फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया। हालांकि घाटी
में मोबाइल फोन सेवा को आंशिक रूप से फिर शुरू कर दिया गया है, जो आठ जुलाई
से हो रही हिंसा के चलते ठप थी।
अधिकारियों ने कल अनंतनाग शहर को छोड़कर कश्मीर से कर्फ्यू हटा लिया था, जिसके बाद फिर से विरोध प्रदर्शन हुए।
हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी
के आठ जुलाई को मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से भड़की हिंसा में 47 लोग
मारे गये हैं। कल शहर में संघर्षों के दौरान हुए एक सड़क हादसे में 61
वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गयी और पूरे कश्मीर में सुरक्षाबलों की
कार्रवाई में 14 अन्य लोग घायल हो गये।
एक पुलिस अधिकारी ने आज बताया, कानून
व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर पूरे कुलगाम जिले और अनंतनाग
शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि कश्मीर शहर के पांच
थाना क्षेत्रों खान्यार, रैनावाड़ी, महाराजगंज, साफा कदल और नौहटटा में भी
कर्फ्यू लगाया गया है। मैसुमा और क्रालखुद थाना क्षेत्रों के अन्तर्गत चार
या इससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
अधिकारी ने कहा, घाटी के अन्य जिलों में भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।
अधिकारियों ने ठप पड़ी मोबाइल टेलीफोन सेवा को भी आंशिक रूप से शुरू कर दिया है।
अधिकारी ने बताया, घाटी में हालात में सुधार दिखाई देने के बाद बीती देर रात से पोस्टपेड मोबाइल सेवा को फिर से बहाल कर दिया गया।
कुछ प्रीपेड मोबाइल फोन भी काम कर रहे हैं। हालांकि अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि सभी फोन कब से काम करने लगेंगे।
इस बीच, अलगाववादी समूह द्वारा किये गये
हड़ताल के आह्वान को देखते हुये आज लगातार 19वें दिन जनजीवन प्रभावित हुआ।
सुरक्षाबलों के साथ संघर्षों में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देने के
लिए अलगावादी समूह ने कुलगाम जिले तक मार्च निकालने का आह्वान किया था।
एक अधिकारी ने बताया कि स्कूल, कॉलेज और
व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। सार्वजनिक वाहन सड़कों पर नजर नहीं आए।
सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति काफी कम रही।
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