लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बागपत में फोन पर अफसरों को गाली देने और धमकाने वाले दर्जाधारी मंत्री कुलदीप उज्ज्वल को अखिलेश सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। सीएम अखिलेश यादव ने सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें मद्य निषेध परिषद के चेयर मैन पद से बर्खास्त कर दिया है।
क्या है मामला ?
कुलदीप उज्ज्वल ने पिछले दिनों जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) से ग्राम सचिव के पद पर दो लोगों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की सिफारिश की थी। लेकिन मन मुताबिक आदेश न होने पर कुलदीप भड़क गए और उन्होंने फोन पर न सिर्फ डीपीआरओ से अभद्रता की बल्कि डीएम और सीडीओ के लिए भी आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। बातचीत की रिकॉर्डिंग वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था।
कुलदीप की टिप्पणी से ब्राह्मण समाज नाराज़
मंत्री की तरफ से डीएम पर टिप्पणी करने को लेकर ब्राह्मण समाज के लोग नाराज़ है। समाज के लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि मंत्री माफ़ी नहीं मांगते हैं तो विधानसभा चुनाव में सपा का बहिष्कार कर दिया जाएगा।
कोई धमकी नहीं दी- कुलदीप उज्जवल
वहीं इस मामले में कुलदीप उज्जवल ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने कोई धमकी नहीं दी है। कुलदीप ने कहा ‘’अधिकारी जनता का काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने फोन पर कुछ सख्त लहजे में बात की थी। उन्होंने किसी को कोई अपशब्द नहीं कहे।’’
विपक्ष का प्रदेश सरकार पर निशाना
कुलदीप उज्जवल को सपा ने बागपत से अपना उम्मीदवार भी घोषित किया है। राज्य मंत्री की तरफ से इस तरह की घटना के विरोध में बसपा का कहना है कि प्रदेश सरकार के मंत्री बेलगाम हो गए है एक राज्य मंत्री इस तरह से अधिकारियों को धमकाएगा तो अधिकारी कैसे निष्पक्ष काम पाएंगे।
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