जानिए, नूडल्स बेचने वाली इस नेशनल शूटर की सच्चाई

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नई दिल्ली: क्या एक नेशनल लेवल की शूटर को नूडल्स बेचना पड़ रहा है। सोशल मीडिया में जो फोटो वायरल हो रही है उसमें दावा तो कुछ ऐसा ही किया जा रहा है। इस दावे के मुताबिक शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतने वाली एक खिलाड़ी खर्च निकालने के लिए नूडल्स बेच रही है। एबीपी न्यूज़ ने वायरल हो रही इस तस्वीर की पड़ताल की। आप भी जानिए आखिर क्या है इस मैसेज़ कि सच। 
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वायरल हो रही इस तस्वीर में दो हिस्से हैं पहले हिस्से में पुष्पा नूडल्स के साथ हैं और दूसरे हिस्से में मेडल्स के बीच. सच जानने के लिए ये तस्वीर हमें एबीपी न्यूज के दर्शक विपिन यादव ने भेजी है।  एबीपी न्यूज ने वायरल हो रही इस तस्वीर की पड़ताल के लिए गुजरात के वडोदरा पहुंचा। वडोदरा में दिखाई दिया गुप्ता जी नाम का ये स्टॉल जहां पुष्पा गुप्ता नूडल्स बना रही थीं। 
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21 साल की पुष्पा गुजरात स्टेट चैंपियनशिप में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं। पुष्पा बी.कॉम फ़ाइनल ईयर की छात्र हैं लेकिन परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने की वजह से उन्होंने पिछले एक साल से वडोदरा के बापोद इलाके में चाइनीज फ़ूड की लारी खोली ली है। 
पुष्पा के स्टॉल के मेडल लटके हैं। पुष्पा को मिले ये मेडल बता रहे हैं कि अगर मौका मिले तो वो आगे भी ऐसे बहुत सारे मेडल देश के लिए जीत सकती हैं। शूटिंग की प्रैक्टिस छोड़कर नूडल्स बनाने के पीछे वजह ये है कि पुष्पा को शूटिंग के लिए जो राइफल चाहिए वो बेहद महंगी है। पुष्पा का परिवार इतनी महंगी राइफल नहीं खरीद सकता। 
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साल 2012-13 में पुष्पा ने एनसीसी में शामिल होकर राइफल की ट्रेनिंग ली। उसी साल अहमदाबाद में हुई गुजरात स्टेट की 41 राइफल शूटिंग चैंपियनशिप की 50 मीटर में पुष्पा ने हिस्सा लिया और एक गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल जीता। 
वडोदरा की पुष्पा के पिता पंजाब के लुधियाना में एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे लेकिन नौकरी छूटने के बाद वो वडोदरा आ गए और वडोदरा में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगे। लेकिन दो बच्चों के साथ परिवार का खर्च उठाने में उनकी कमाई कम पड़ने लगी। 
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पुष्पा अभी प्रैक्टिस नहीं कर पा रही हैं लेकिन उन्होंने अपना सपना नहीं छोड़ा है। वो परिवार की मदद करने के साथ-साथ इस कमाई से एक रायफल खरीदने के लिए भी पैसे इकट्ठा कर रही हैं। 
वड़ोदरा के सांसद ने भी पुष्पा से मुलाकात कर उनको मदद करने का वादा किया था लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिली है। हालांकि जीएसएफसी नाम की कंपनी ने पुष्पा को भरोसा दिया है कि जब पुष्पा ग्रेजुएट हो जाएंगी तब वो कंपनी उन्हें नौकरी देने के साथ-साथ खेल में पुष्पा को आगे बढ़ने में भी मदद करेगी। हमारी पड़ताल में वायरल हो रही ये तस्वीर सच साबित हुई है।

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