तो इसलिए लागतार पकडे जा रहे है '2000 "नये नोट", इस 'खास वजह' की वजह से "नोट" खुद बता रहे हैं 'पुलिस' को 'अपना पता'

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आज-कल लगातार 2000 के नए नोटों के पकडे जाने का सिलसिला जारी है. कहीं 2 करोड़ तो कहीं 20 करोड़ की नगदी पकड़ी जा रही है. पर आपको जानकर हैरानी होगी ये 'नये नोट' खुद अपनी मौजूदगी का पता पुलिस और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बता रहे हैं. इससे पहले कि आप नये नोटों में लगी "चिप" की अफवाह पर यकीन हम आपको यह बता दें कि 'नोट' ये जानकारी किसी चिप की वजह से नहीं बल्कि नोट बनाने उपयोग हुई रेडियोएक्टिव स्याही की वजह से दे रहे हैं. कई देशो में रेडियोएक्टिव स्याही का प्रयोग इंडिकेटर के रूप में किया जाता है. जिससे किसी भी चीज़ को ढूंढने में आसानी होती है.
ये कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि नए नोट खुद ही पुलिस को अपना पता बता रहे हैं. एक ही जगह पर ज़्यादा मात्रा में पैसे को रखने के कारण यह आईटी विभाग के लिए क़ारग़र साबित हो रहा हैं. 500 और 2000 की नई करेंसी में इस इंक का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि इस स्याही की सक्रियता एक समय के बाद कम हो जायेगी.
जिसकी वजह से आने वाले वक़्त में नई करेंसी भी बंद हो जाएगी. कई सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर और व्हाट्सएप पर इस तरह के मैसेज फॉरवर्ड किए जा रहे हैं. सबसे पहले खबर उड़ी थी कि नए नोटों में जीपीएस चिप लगाई गई है. बाद में सरकार की ओर से इसे खारिज कर दिया गया था. हालांकि इंक वाली खबर भी कितनी सच है इसकी हम पुष्टि नहीं कर सकते हैं लेकिन सोशल मीडिया पर ये वायरल है.
इस इंक का एक इंडिकेटर के रूप में काम में लिया जा रहा है जिसके कारण अब नोट खुद ही अपना पता बता रहे हैं. इस स्याही में रेडियो एक्टिव का इस्तेमाल P32 फास्फोरस का रेडियोएक्टिव व आइसोटोप है. जिसके नाभिक में 15 प्रोटीन और 17 न्यूट्रोन होते हैं जिसे रेडियो एक्टिव स्याही में बेहद कम मात्रा में प्रयोग किया जाता है.
यह रेडियोएक्टिव वार्निंग टेप की तरह प्रयोग होता है जिससे एक ही जगह पर मौजूद लिमिट से अधिक होने पर इंडिकेटर के तौर पर नोटों की मौजूदगी को यह सूचित करता है. इसी वजह से जो लोग भी भारी मात्रा में अपने पास नई नगदी रख रहे हैं वे पकड़े जा रहे हैं. आपको बता दें कि रेडियोएक्टिव पदार्थ से अल्फा, बीटा और गामा कण निकलते हैं, जो शरीर के लिए बेहद हानिकारक होते हैं इस वजह से त्वचा का कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है.

लेकिन इन मैसेज में साफ तौर पर कहा गया है कि यह ऐसा रेडियोएक्टिव पदार्थ है जिससे शरीर कोई नुकसान नहीं होता है.-- Sponsored Links:-
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