तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिताः करोडो की संख्या में लोगो के दिलो में राज करने वाली कैसे बनी 'अम्मा' ....

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जयललिता तमिलनाडु में बेहद लोकप्रिय हैं उन्हें सब अम्मा कहकर ही बुलाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसे जयललिता तमिलनाडु की अम्मा बनी ?
जब कोमलावल्ली (जयललिता का पुराना नाम) स्कूल में पढ़ रही थीं तभी उनकी मां ने उन्हें फिल्मों में काम करने के लिेए राजी कर लिया और इसी दौरान उन्होंने 'एपिसल' नाम की अंग्रेजी फिल्म में काम किया। उस वक्त उनकी उम्र महज 12 साल थी। जयललिता पहली बार साल 1991 में तमिलनाडु की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री बनीं, और वो जयललिता से लोगों के लिए अम्मा बन गईं।
अभिनेत्री से राजनेता बनीं जयललिता के बारे में बहुत कम लोगों को पता है कि वो अभिनेत्री कतई नहीं बनना चाहती थीं। वो बहुत अच्छी छात्रा थीं। स्कूल के दिनों में उन्हें सर्वश्रेष्ठ छात्रा की शील्ड मिली और दसवीं कक्षा की परीक्षा में उन्हें पूरे तमिलनाडु में दूसरा स्थान मिला।
जयललिता पर किताब लिखने वाली वरिष्ठ पत्रकार वांसति ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि जयललिता एक बहुत मजबूत नेता रही हैं। उनका पार्टी पर इतना मजबूत नियंत्रण है कि लोग उनके सामने कांपा करते हैं।  वो अपने मंत्रियों से मिलना भी पसंद नहीं करती हैं।
जयललिता को लोगों में मुफ़्त चीजे बांटने की नीति ने भी उन्हें बहुत लोकप्रिय बनाया।  मुफ़्त ग्राइंडर, मुफ़्त मिक्सी, बीस किलो चावल देने पर अर्थशास्त्रियों ने बहुत नाक भी सिकोड़ी, लेकिन इसने महिलाओं के जीवनस्तर को उठा दिया और लोगों के बीच उनकी जगह बनती चली गई।

जयललिता भले ही तुनुकमिज़ाज हों, अस्थिर हों, अक्खड़ हों, लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि वो बहुत मजबूत नेता रही हैं जिनको लोगों ने असीम प्यार दिया है।

जयललिता का करियर काफी अद्भुत रहा है। ध्यान देने वाली बात ये है कि ये ब्राह्मण जाति से आती हैं और इनका जन्म कर्नाटक में हुआ है।  उन्होंने जिस तरह से एआईडीएमके पार्टी पर अपना नियंत्रण जमाया, जिसे एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
जयललिता ने अपने पूरे जीवन में तमिलनाडु के लोगों का बहुत सहयोग किया। लोगों की आर्थिक रूप से काफी मदद की, इसलिए वहां के लोग उन्हें ''अम्मा'' कहने लगे।  -- Sponsored Links:-
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