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क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि प्रेमा देवी स्वास्थ्य विभाग में बतौर निरीक्षक के पद पर तैनात रह चुकीं हैं और फिलहाल रिटायर होने के बाद अपने बेटे और बहु खुशबू के साथ हमीरपुर में रहती हैं। उनका बीटा हमीरपुर जिला मुख्यालय में ही सरकारी सेवा में है, जबकि बहू हाउस वाइफ है। बताया जाता है कि कुछ माह पहले बहू खुशबू ने कन्या को जन्म दिया तो सास की खुशी का ठिकाना न रहा। प्रेमा ने घर में बेटी होने पर खुशियां मनाईं। पड़ोसी बताते हैं कि बेटी का जन्म होने पर प्रेमा ने घर में छोटी सी पार्टी रखी थी। पार्टी के दिन ही प्रेमा ने ऐलान कर दिया था कि वह दीपावली पर्व से पहले बहू को कार गिफ्ट करेंगी। पिछले दिनों सास ने होंडा सिटी कार खरीदकर बहू खुशबू को गिफ्ट कर दी। इतना बड़ा तोहफा पाकर बहू की आंखें खुशी से छलक आईं।
क्या कहती हैं प्रेमा
रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मी प्रेमा देवी का कहना है, ‘बेटी को गर्भ में मारने की बुराई तभी खत्म होगी, जब बहू को अपनी बेटी माना जाए। क्योंकि बहू भी किसी की बेटी होती है और जब उसे ससुराल में मां के रूप में प्यार मिलेगा तो उस घर में हमेशा खुशियां रहेंगी।’ खुशबू का कहना है कि वह बहुत ही सौभाग्यशाली है कि उसे ऐसी सास मिली है, जिसकी आंखों में बेटी की तरह प्यार रहता है।
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आपने ज्यादातर ऐसी ही ख़बरें पढ़ी होंगी कि घर में बेटी का जन्म हुआ तो
ससुराल वालों ने बहू को परेशान किया या बुरा-भला कहा या उसे यातनाएं दीं।
इस बार उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने समाज
के लिए एक मिसाल पेश की है। यहां बहू ने जब बेटी को जन्म दिया तो सास इतना
खुश हुई की उसने बहू को इस मौके पर कार ही गिफ्ट कर दी।
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क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि प्रेमा देवी स्वास्थ्य विभाग में बतौर निरीक्षक के पद पर तैनात रह चुकीं हैं और फिलहाल रिटायर होने के बाद अपने बेटे और बहु खुशबू के साथ हमीरपुर में रहती हैं। उनका बीटा हमीरपुर जिला मुख्यालय में ही सरकारी सेवा में है, जबकि बहू हाउस वाइफ है। बताया जाता है कि कुछ माह पहले बहू खुशबू ने कन्या को जन्म दिया तो सास की खुशी का ठिकाना न रहा। प्रेमा ने घर में बेटी होने पर खुशियां मनाईं। पड़ोसी बताते हैं कि बेटी का जन्म होने पर प्रेमा ने घर में छोटी सी पार्टी रखी थी। पार्टी के दिन ही प्रेमा ने ऐलान कर दिया था कि वह दीपावली पर्व से पहले बहू को कार गिफ्ट करेंगी। पिछले दिनों सास ने होंडा सिटी कार खरीदकर बहू खुशबू को गिफ्ट कर दी। इतना बड़ा तोहफा पाकर बहू की आंखें खुशी से छलक आईं।
क्या कहती हैं प्रेमा
रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मी प्रेमा देवी का कहना है, ‘बेटी को गर्भ में मारने की बुराई तभी खत्म होगी, जब बहू को अपनी बेटी माना जाए। क्योंकि बहू भी किसी की बेटी होती है और जब उसे ससुराल में मां के रूप में प्यार मिलेगा तो उस घर में हमेशा खुशियां रहेंगी।’ खुशबू का कहना है कि वह बहुत ही सौभाग्यशाली है कि उसे ऐसी सास मिली है, जिसकी आंखों में बेटी की तरह प्यार रहता है।
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