बिहार में आई बाढ़ , अब तक 61 लोगों की मौत

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पटना: बिहार के कोसी और उत्तरी हिस्सों में तबाही मचाने के बाद बाढ़ का पानी भले ही उतरने लगा हो परंतु कई गांवों के लोग अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। बिहार में बाढ़ से 13 जिलों के 31 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं और अब तक 61 लोगों की मौत हो चुकी है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, राज्य के पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सुपौल, सहरसा, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज सहित पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर जिले के करीब 69 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी दर्ज की जा रही है। नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता अभिषेक कुमार ने गुरुवार को बताया कि सुबह 10 बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 1.25 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकि नगर बैराज में गंडक का जलस्तर करीब 97 हजार क्यूसेक था. दोनों नदियों के जलस्तर में कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि कमला बलान नदी झंझारपुर में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।
इधर, नदियों के जलस्तर में कमी के कारण कटाव तेज हुआ है। मधेपुरा के चौसा एवं आलमनगर प्रखंड के 200 से अधिक गांवों में स्थिति भयावह बनी हुई है। कोसी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव दिख रहा है। सीमांचल के अररिया स्थित सिकटी में बकरा व नूना नदियां कटाव कर रही हैं। अररिया के कई गांवों के लोग अभी भी बाढ़ से घिरे हुए हैं और उन्हें अभी भी राहत पहुंचने का इंतजार है।
इधर, किशनगंज में पानी घटने के साथ बीमारी की आशंका बढ़ गई है। कटिहार में महानंदा के जलस्तर में गिरावट से स्थिति सुधरी है। मनिहारी में एक बार फिर गंगा का कटाव शुरू हो गया है. पूर्णिया जिले में भी बाढ़ की स्थिति सुधर रही है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 1.61 लाख हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई है और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे आवागमन प्रभावित है। छह लाख लोग विस्थापन का जीवन जी रहे हैं जबकि 3.78 लाख लोग सरकार द्वारा स्थापित 460 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। बाढ़ से 13 हजार से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इधर, आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि बीमारी की आशंका को देखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 175 चिकित्सा दलों को भेजा गया है। विभाग का दावा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य लगातार चलाए जा रहे हैं।


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