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नई दिल्ली : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को निशाना बनाते हुए मंगलवार को कहा कि कभी-कभी चींटी भी हाथी को धूल चटा देती है। रावत ने यह बात स्टिंग सीडी मामले में सीबीआई के समक्ष उपस्थित होने के कुछ घंटे बाद कही।
रावत ने यहां अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम यहां प्रधानमंत्री मोदी जी या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ लड़ने के लिए नहीं हैं लेकिन अगर वे हमें परेशान करते रहे तो उन्हें इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि चींटी भी हाथी को परेशान कर सकती है।’ रावत ने इस बात पर जोर दिया कि वह केंद्र के साथ टकराव नहीं चाहते हैं क्योंकि वह अपने राज्य के विकास को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार उनके खिलाफ सीबीआई जांच कराकर उस चीज को हासिल करने का प्रयास कर रही है जो वह ऐसे हासिल नहीं कर पा रही है।
रावत ने अपने 9 तीन मूर्ति लेन स्थित आवास पर समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमने सीबीआई जांच का सम्मान करने का फैसला किया। हम जांच के खिलाफ यह रूख अपना सकते थे कि जिस सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया वह निर्वाचित सरकार नहीं थी। यह राष्ट्रपति शासन के दौरान किया गया फैसला था और राष्ट्रपति शासन क्या है, केंद्र का शासन। और केंद्र ने अपनी जांच एजेंसी से मामले की जांच करने को कहा है।’
रावत ने कहा कि उत्तराखंड में मिली हार के बाद केंद्र किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने से पहले दो बार सोचेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के साथ ‘सहयोग का माहौल’ चाहती है और वह प्रधानमंत्री के प्राधिकार को चुनौती देना नहीं चाहते हैं।’ रावत ने कहा कि वह सात जून को एक बार फिर सीबीआई के समक्ष उपस्थित होंगे और एजेंसी के समक्ष कहानी का अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें सीबीआई के समक्ष उपस्थित होना पड़ा जब उन्हें भूस्खलन के बाद हालात की निगरानी के लिए बुधवार को राज्य में होना चाहिए था। गौरतलब है कि राज्य में हुए भूस्खलन में 12 लोगों की मौत हो गई।
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