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हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जनपद में कर्ज में डूबे एक और किसान ने फांसी लगाकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली। उसकी बेटी की शादी 6 मई को होनी थी। पैसे का इंतजाम कैसे करे, यह सोचकर परेशान था।
मोहर सिंह (45) पुत्र प्रताप सिंह दस बीघे जमीन पर किसानी करता था। पिछले कई सालों से दैवीय आपदा का दंश झेल रहे इस किसान ने इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक से दो लाख और को-आपरेटिव बैंक के अलावा साहूकारों से डेढ़ लाख रुपया कर्ज लिया था।
गांव वालों ने बताया कि बैंकों से लाखों रुपये का बकाया लेने वाले इस किसान ने गांव के कुछ लोगों से भी फसल की बुआई और घर चलाने के लिए कर्जा ले रखा था, मगर अबकी बार फसल की कटाई के बाद उसे 10 बीघा की फसल में 10 कुंतल गेहूं भी नहीं मिल सका।
गांव के लोग बताते हैं कि फसल कटाई के बाद किसान को सिर्फ पांच कुंतल गेहूं ही मिला। तीन बेटों और तीन बेटियों के पिता मोहर सिंह फसल से काफी उम्मीद जताई थी, क्योंकि उसने अपनी मंझली बेटी पुष्पा की शादी जरिया थाना क्षेत्र के लींगा गांव में तय की थी। बेटी की बारात भी 6 मई को आनी थी। चिंता में उसकी रातों की नींद उड़ी थी। और तो और, लाखों रुपये का कर्ज भी चुकाने का उस पर दबाव था।
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मोहर सिंह (45) पुत्र प्रताप सिंह दस बीघे जमीन पर किसानी करता था। पिछले कई सालों से दैवीय आपदा का दंश झेल रहे इस किसान ने इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक से दो लाख और को-आपरेटिव बैंक के अलावा साहूकारों से डेढ़ लाख रुपया कर्ज लिया था।
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