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कोई ये कहे कि ये मॉडर्न जमाना है और लोग वास्तु-ज्योतिष में ज्यादा यकीन
नहीं रखते, तो ये गलत है। हम आपको बता दें कि आज के समय में लोग वास्तु को
सबसे ज्यादा मानते हैं। बड़े-बड़े बिजनेस मैन वास्तु को फॉलो करते हैं।
उनके दफ्तर से लेकर घर का कोना-कोना वास्तु के तहत बनाया जाता है। वे
वास्तु उपायों की भी बखूबी पालना करते हैं। ऐसे में ये कहने में जलरा भी
संदेह नहीं कि लोग वास्तु के उपायों का प्रयोग करके अपना जीवन खुशहाल बना
रहे हैं। घर में वास्तु के अनुसार थोड़ा बदलाव करने से सुख-शांति का अनुभव
किया जा सकता है। इनसे घर में नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है वास्तु शास्त्र
में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं, जो आपके जीवन में आने वाली परेशानियों को
दूर करने का माद्दा रखते हैं। यह छोटे-छोटे उपाय ही हैं, जो जिंदगी को
बेहतर से भी ज्यादा बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
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-घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं। इससे परिवार में प्रेम बढ़ता है। तुलसी के पत्तों के नियमित सेवन से कई रोगों से मुक्ति मिलती है। शाम को तुलसी के पवास घी का दीया जरूर जलाएं।
-ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को हमेशा साफ-सुथरा रखें ताकि सूर्य की जीवन दायिनी किरणें घर में प्रवेश कर सकें।
-भोजन बनाते समय गृहिणी का हमेशा मुख पूर्व की ओर होना चाहिए। इससे भोजन सुपाच्य और स्वादिष्ट बनता है। साथ ही पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से व्यक्ति की पाचन शक्ति में वृद्धि होती है।
-जो बच्चे में पढऩे में कमजोर हैं, उन्हें पूर्व की ओर मुख करके अध्ययन करना चाहिए। इससे उन्हें लाभ होगा।
-जिन कन्याओं के विवाह में विलम्ब हो रहा है, उन्हें वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) के कमरे में रहना चाहिए। इससे उनका विवाह अच्छे और समृद्ध परिवार में होगा।
-रात को सोते वक्त व्यक्ति का सिर हमेशा दक्षिण दिशा में होना चाहिए। कभी भी उत्तर दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए। इससे अनिद्रा रोग होने की संभावना होती है साथ ही व्यक्ति की पाचन शक्ति पर विपरीत असर पड़ता है।
घर में कभी-कभी नमक के पानी से पोंछा लगाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
-घर से निकलते समय माता-पिता को विधिवत (झुककर) प्रणाम करना चाहिए। इससे बृहस्पति और बुध ठीक होते हैं। इससे व्यक्ति के जटिल से जटिल काम बन जाते हैं।
-घर का प्रवेश द्वार एकदम स्वच्छ होना चाहिए। प्रवेश द्वार जितना स्वच्छ होगा घर में लक्ष्मी आने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है।
-प्रवेश द्वार के आगे स्वस्तिक, ओम, शुभ-लाभ जैसे मांगलिक चिह्नों को उपयोग अवश्य करें। स्वास्तिक हमेश प्रवेश द्वारा के दाहिने ओर बनाएं।
-प्रवेश द्वार पर कभी भी बिना सोचे-समझे गणेशजी न लगाएं। दक्षिण या उत्तरमुखी घर के द्वार पर ही गणेशजी लगाएं।
विवाह पत्रिका कभी भूलकर भी न फाड़ें, क्योंकि इससे व्यक्ति को गुरु और मंगल का दोष लग जाता है।
-घर में देवी-देवताओं की ज्यादा तस्वीरें न रखें और शयन कक्ष में तो बिलकुल भी नहीं।
-शयन कक्ष में टेलीविजन कदापि न रखें, क्योंकि इससे शारीरिक क्षमताओं पर विपरीत असर पड़ता है। यदि जिनके पास घर सीमित हो और वो एक ही रूम में रहते हों, वे रात को सोते वक्त टीवी पर सादर से ढक देना चाहिए।
-दफ्तर में काम करते समय उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके बैठें, तो शुभ रहेगा, जबकि बॉस (कार्यालय प्रमुख) का केबिन नैऋत्य कोण में होना चाहिए।
-घर के भीतर शंख अवश्य रखें। इससे बजाने से 500 मीटर के दायरे में रोगाणु नष्ट होते हैं।
-पक्षियों को दाना खिलाने और गाय को रोटी और चारा खिलाने से गृह दोष का निवारण होता है।
– घर में एक काम कोई भी सदस्य कभी गलती से भी न करे। ये काम है खाना। जी हां, अक्सर घरों में देखा जाता है कि जिसे जो जगह मिलती है, वहीं बैठ के खाने लग जाता है। ये बहुत अशुभ होता है। इसका सीधा असर घर की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। संभव हो तो घर के सभी सदस्य एक साथ भोजन करें। जमीन पर आसन में बैठकर करें यो जिनके घरों में डाइनिंग टेबल है, उसमें बठकर करें। भोजन के दौरान घर के मुखिया का मुख उत्तर-पूर्व की ओर हो। वैसे भोजन हमेशा उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके ही करना चाहिए। भोजन कभी भी बिस्तर पर बैठकर या टांग फैलाकर नहीं करना चाहिए, इससे लक्ष्मीजी हमेशा के लिए रूठ सकती हैं। घर का धन खत्म हो जाता है। आप कर्जे में डूब सकते हैं। घर में अशांति छा जाती है।
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-घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं। इससे परिवार में प्रेम बढ़ता है। तुलसी के पत्तों के नियमित सेवन से कई रोगों से मुक्ति मिलती है। शाम को तुलसी के पवास घी का दीया जरूर जलाएं।
-ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को हमेशा साफ-सुथरा रखें ताकि सूर्य की जीवन दायिनी किरणें घर में प्रवेश कर सकें।
-भोजन बनाते समय गृहिणी का हमेशा मुख पूर्व की ओर होना चाहिए। इससे भोजन सुपाच्य और स्वादिष्ट बनता है। साथ ही पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से व्यक्ति की पाचन शक्ति में वृद्धि होती है।
-जो बच्चे में पढऩे में कमजोर हैं, उन्हें पूर्व की ओर मुख करके अध्ययन करना चाहिए। इससे उन्हें लाभ होगा।
-जिन कन्याओं के विवाह में विलम्ब हो रहा है, उन्हें वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) के कमरे में रहना चाहिए। इससे उनका विवाह अच्छे और समृद्ध परिवार में होगा।
-रात को सोते वक्त व्यक्ति का सिर हमेशा दक्षिण दिशा में होना चाहिए। कभी भी उत्तर दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए। इससे अनिद्रा रोग होने की संभावना होती है साथ ही व्यक्ति की पाचन शक्ति पर विपरीत असर पड़ता है।
घर में कभी-कभी नमक के पानी से पोंछा लगाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
-घर से निकलते समय माता-पिता को विधिवत (झुककर) प्रणाम करना चाहिए। इससे बृहस्पति और बुध ठीक होते हैं। इससे व्यक्ति के जटिल से जटिल काम बन जाते हैं।
-घर का प्रवेश द्वार एकदम स्वच्छ होना चाहिए। प्रवेश द्वार जितना स्वच्छ होगा घर में लक्ष्मी आने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है।
-प्रवेश द्वार के आगे स्वस्तिक, ओम, शुभ-लाभ जैसे मांगलिक चिह्नों को उपयोग अवश्य करें। स्वास्तिक हमेश प्रवेश द्वारा के दाहिने ओर बनाएं।
-प्रवेश द्वार पर कभी भी बिना सोचे-समझे गणेशजी न लगाएं। दक्षिण या उत्तरमुखी घर के द्वार पर ही गणेशजी लगाएं।
विवाह पत्रिका कभी भूलकर भी न फाड़ें, क्योंकि इससे व्यक्ति को गुरु और मंगल का दोष लग जाता है।
-घर में देवी-देवताओं की ज्यादा तस्वीरें न रखें और शयन कक्ष में तो बिलकुल भी नहीं।
-शयन कक्ष में टेलीविजन कदापि न रखें, क्योंकि इससे शारीरिक क्षमताओं पर विपरीत असर पड़ता है। यदि जिनके पास घर सीमित हो और वो एक ही रूम में रहते हों, वे रात को सोते वक्त टीवी पर सादर से ढक देना चाहिए।
-दफ्तर में काम करते समय उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके बैठें, तो शुभ रहेगा, जबकि बॉस (कार्यालय प्रमुख) का केबिन नैऋत्य कोण में होना चाहिए।
-घर के भीतर शंख अवश्य रखें। इससे बजाने से 500 मीटर के दायरे में रोगाणु नष्ट होते हैं।
-पक्षियों को दाना खिलाने और गाय को रोटी और चारा खिलाने से गृह दोष का निवारण होता है।
– घर में एक काम कोई भी सदस्य कभी गलती से भी न करे। ये काम है खाना। जी हां, अक्सर घरों में देखा जाता है कि जिसे जो जगह मिलती है, वहीं बैठ के खाने लग जाता है। ये बहुत अशुभ होता है। इसका सीधा असर घर की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। संभव हो तो घर के सभी सदस्य एक साथ भोजन करें। जमीन पर आसन में बैठकर करें यो जिनके घरों में डाइनिंग टेबल है, उसमें बठकर करें। भोजन के दौरान घर के मुखिया का मुख उत्तर-पूर्व की ओर हो। वैसे भोजन हमेशा उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके ही करना चाहिए। भोजन कभी भी बिस्तर पर बैठकर या टांग फैलाकर नहीं करना चाहिए, इससे लक्ष्मीजी हमेशा के लिए रूठ सकती हैं। घर का धन खत्म हो जाता है। आप कर्जे में डूब सकते हैं। घर में अशांति छा जाती है।
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