ये गांव वाले शौचालय बनवाने के लिए देवताओं से मांगते हैं इजाजत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘स्वच्छ भारत मिशन’ उत्तरकाशी जिले के आठ गांवों में परवान नहीं चढ़ पा रहा है। यहां लोकदेवता नागराज के भय से लोग शौचालय नहीं बना रहे हैं। उन्हें डर है कि यदि उन्होंने शौचालय बनाए तो वे देवता के कोप का शिकार हो सकते हैं। इस मुश्किल को दूर करने के लिए ग्रामीणों और अधिकारियों ने तय किया है कि बुधवार (आज) को वे देवता को मनाने के लिए महापंचायत करेंगे।
मामला चिन्यालीसौड़ के न्याय पंचायत जिब्या कोटधार का है। यहां क्यारी दशगी, बनोठ पल्ला, तराकोट, रमोली, बदाल्डा, सुरी, मथाली, एवं जिब्या समेत आठ गांवों में 600 परिवार रहते हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत यहां स्वजल की ओर से 350 शौचालय बनाए जाने हैं। लेकिन ग्रामीण शौचालय बनाने को तैयार नहीं हैं। उन्हें डर है यदि उन्होंने शौचालय बनाए तो देव आज्ञा का उल्लंघन करने पर उनका अनिष्ट हो सकता है।
ग्रामीणों ने तुड़वा दिए शौचालय
ग्रामीणों का कहना है कि क्यारी-मथाली गांवों में कुछ लोगों ने शौचालय बनाए थे, इन्हें दैवीय प्रकोप का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने कहा कि जिस ग्रामीण पर नागराजा देवता अवतरित होते हैं, उसने कहा कि शौचालय बनाए जाने से देवता के आने-जाने की दिशा बंद हो जाती है। इसलिए ग्रामीणों ने शौचालय तुड़वा दिए।
आज होगी महापंचायत
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में शौचालय निर्माण कर रहे स्वजल परियोजना और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों की यह भ्रांति तोड़ने के लिए महापंचायत बुलायी है। महापंचायत में देवता के से शौचालय बनाने की इजाजत मांगी जाएगी।
शौचालय बनाने पर देवता के कोप का शिकार होने की भ्रांति के कारण मथाली सहित आठ गांव के लोग शौचालय निर्माण के लिये तैयार नहीं हैं। इसलिए बुधवार को देवता को मनाने के लिए गांव में महापंचायत की जा रही है।
एलएस चौहान, पर्यावरण विशेषज्ञ, स्वजल
स्वच्छ भारत मिशन को दो अक्टूवर 2019 तक किसी भी हाल में पूरा किया जाना है। इसके लिए जिब्या कोटधार में बैठक बुलायी है। बैठक में ग्रामीणों की भ्रांति को दूर की जागी।



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