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पटना : केंद्रीय मंत्रिमंडल में हाल में फेरबदल में स्मृति ईरानी के महत्वपूर्ण मानव संसाधन मंत्रालय से वस्त्र मंत्रालय में भेजे जाने पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद के उनके प्रति हमदर्दी जतायी और कहा कि स्मृति एक ‘इन्नोसेंट महिला’ बताया।
लालू ने शुक्रवार को कहा, ‘स्मृति ईरानी ‘इन्नोसेंट महिला’ है जिसने अपने पूर्व के मंत्रालय मानव संसाधन विभाग में कुछ अच्छे काम किये।’ उन्होंने यह भी कहा कि वे (स्मृति) बाद में अपने मुख्य कार्यों की कीमत पर अन्य चीजों को लेकर आक्रमक हो गयी थीं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में हाल में फेरबदल में जिस विभाग की मंत्री स्मृति बनायी गयी हैं, उसके बारे में लालू ने कहा ‘यह मंत्रालय डूब चुका है’। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल में हालांकि प्रधानमंत्री का क्षेत्राधिकार होता है। इसलिए स्मृति इस निर्णय के खिलाफ कुछ भी नहीं कर सकती हैं।
हालांकि उन्होंने भाजपा की पैतृक संस्था आरएसएस के खिलाफ प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि उसकी मंशा बहुत ही खतरनाक है और वह वर्तमान संसद को ‘संविधान सभा’ में परिवर्तित करना चाहती है ताकि मनुस्मृति पर आधारित नया संविधान तैयार करा सके।
उन्होंने कहा ‘मोहन भागवत जब आरक्षण के विरोध में बोलते हैं तो वह उनके मुंह से गलती से नहीं निकलता। वह समझबूझकर ऐसा बोलते हैं। वह हमारे संविधान नहीं बल्कि मनु स्मृति को मानने वाले हैं।’
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पटना : केंद्रीय मंत्रिमंडल में हाल में फेरबदल में स्मृति ईरानी के महत्वपूर्ण मानव संसाधन मंत्रालय से वस्त्र मंत्रालय में भेजे जाने पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद के उनके प्रति हमदर्दी जतायी और कहा कि स्मृति एक ‘इन्नोसेंट महिला’ बताया।
लालू ने शुक्रवार को कहा, ‘स्मृति ईरानी ‘इन्नोसेंट महिला’ है जिसने अपने पूर्व के मंत्रालय मानव संसाधन विभाग में कुछ अच्छे काम किये।’ उन्होंने यह भी कहा कि वे (स्मृति) बाद में अपने मुख्य कार्यों की कीमत पर अन्य चीजों को लेकर आक्रमक हो गयी थीं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में हाल में फेरबदल में जिस विभाग की मंत्री स्मृति बनायी गयी हैं, उसके बारे में लालू ने कहा ‘यह मंत्रालय डूब चुका है’। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल में हालांकि प्रधानमंत्री का क्षेत्राधिकार होता है। इसलिए स्मृति इस निर्णय के खिलाफ कुछ भी नहीं कर सकती हैं।
हालांकि उन्होंने भाजपा की पैतृक संस्था आरएसएस के खिलाफ प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि उसकी मंशा बहुत ही खतरनाक है और वह वर्तमान संसद को ‘संविधान सभा’ में परिवर्तित करना चाहती है ताकि मनुस्मृति पर आधारित नया संविधान तैयार करा सके।
उन्होंने कहा ‘मोहन भागवत जब आरक्षण के विरोध में बोलते हैं तो वह उनके मुंह से गलती से नहीं निकलता। वह समझबूझकर ऐसा बोलते हैं। वह हमारे संविधान नहीं बल्कि मनु स्मृति को मानने वाले हैं।’
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