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आगरा के धारिरा गांव में गुरुवार देर
रात किसी सिरफिरे ने छह साल की एक बच्ची को उसके घर से अगवा कर लिया और उसे
खेत में ले जाकर जिंदा दफना दिया। अगली सुबह एक चरवाहे को बच्ची का सिर
जमीन में धंसा हुआ दिखा। उसकी मदद से बच्ची को निकाला गया, तब वह अचेत थी।
उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
धारिरा गांव में गुरुवार रात 6 साल की
बच्ची अपने पिता के साथ घर के बारामदे में सो रही थी। रात करीब एक बजे जब
पिता विनोद की आंख खुली तो बेटी पास नहीं थी। उसकी नींद उड़ गई, घर में
तलाशा लेकिन बेटी का कोई पता नहीं था। सभी घरवाले जग गए और अपनी लाडली को
आस पड़ोस में तलाशने लगे। गांव के और लोग भी उनके साथ हो लिए।
रात बीत गई, सूरज भी निकल आया लेकिन उनकी
लाडली नहीं मिली। पूरे गांववालों के मन में एक ही सवाल था- आखिर बच्ची कहां
गई। आशंकाओं के बादल मन में उमड़ने लगे, घरवालों का कलेजा बैठाने लगा।
तलाश जारी थी।
सुबह करीब आठ बजे एक शख्स अपने जानवरों को
चराने के लिए खेतों की ओर निकला। तब तक पुलिस भी आ चुकी थी। विनोद के घर
से करीब एक किलोमीटर दूर चरवाहे को जमीन में एक बच्ची का सिर दिखा। उसके
शोर मचाने पर लोग वहां जमा हुए, बच्ची को वहां से निकालकर तत्काल अस्पताल
ले जाया गया। उसका इलाज चल रहा है, विनोद सिंह बघेल का परिवार अपनी लाडली
को पाकर खुश है लेकिन लड़की को जिंदा दफनाने के इस वाकये से पूरा गांव दहशत
में है।
पुलिस उस सिरफिरे की तलाश कर रही है।
एतमादपुर के एसओ ब्रह्म सिंह का कहना है कि ऐसा लगता है कि किसी मानसिक
विक्षिप्त शख्स ने इस वारदात को अंजाम दिया है। बच्ची के चेहरे और एक हाथ
पर जख्म के निशान हैं। पुलिस यौन उत्पीड़न के मामले से इनकार कर रही है।
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