राजनाथ सिंह : हम गोलियों की गिनती नहीं करेंगे

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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी तरफ से पहली गोली नहीं चलेगी, लेकिन अगर पाकिस्तान की ओर चली, तो भारत की ओर से इतनी गोलियां चलेंगी कि उनकी गिनती नहीं हो सकेगी। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक से एक दिन पहले रविवार को रांची पहुंचे गृहमंत्री अरगोड़ा मैदान में रांची महानगर भाजपा के एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आपातकाल, बलिदान दिवस और हरियाली पर प्रकाश डाला और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए हर वर्ष आपातकाल को याद करने की अपील की। हरियाली लाने के प्रयास को भारत या विश्व के लिए ही नहीं, बल्कि सृष्टि के लिए हितकारी बताया। जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमय मौत और उनके बलिदान को भी केंद्रीय मंत्री ने याद किया। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद पर विजय प्राप्त करेगा।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस अवसर पर कहा कि राज्य में जुलाई में एक करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। सरकार इसे एक अभियान के रूप में लेगी। 28 जून को मुख्य सचिव से लेकर प्रखंड स्तर तक के अधिकारी हरियाली बढ़ाने की शपथ लेंगे। 29-30 जून को स्कूलों में अभियान चलाया जाएगा और एक से तीस जुलाई तक पूरे राज्य में वृक्षारोपण होगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत और प्रदेश के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने भी अपनी बात रखी।
आपातकाल का बीज 1971 में ही बोया गया
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आपातकाल क्या होता है, यह आज के युवाओं को कम जानकारी होगी। किस तरह से तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का हनन किया था, यह युवाओं को जानना चाहिए। आपातकाल भले ही 1975 में लगा हो, लेकिन इंदरा गंधी ने इसकी शुरूआत 1971 में संविधान में दो संशोधन लाकर ही शुरू कर दी थी। पहला संसद के किसी भी संशोधन का सुप्रीम कोर्ट समीक्षा नहीं कर सकता और दूसरा सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के खिलाफ अदालत में लोग नहीं जा सकते।
लोकतंत्र को कोई ताकत नहीं हिला सकती
राजनाथ ने कहा कि लोकतंत्र को कोई ताकत नहीं हिला सकती है। इसके परिभाषित होने से पहले से देश में लोकतंत्र है। उन्होंने भगवान राम द्वारा सीता की अग्नि परीक्षा लेने का जिक्र करते हुए कहा कि उस वक्त अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति ने सवाल उठाया, भगवान ने भी अग्नि परीक्षा ले ली। यह लोकतंत्र की ही सबूत है।
जनसंघ की सोच पर चल रही भाजपा
जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रकाश मुखर्जी की चर्चा करते हुए कहा कि उनका निधन जम्मू के जेल में संदेहास्पद स्थिति में 23 जून को हुआ था और जन्म 6 जुलाई को। भाजपा इस पखवाड़े को बलिदान दिवस के रूप में मना रही है। डॉ. मुखर्जी नेहरू सरकार में मंत्री थे। उन्होंने देखा कि सरकार की सोच अंग्रेजों वाली है। इसलिए भारतत्व की सोच को लेकर उन्होंने जनसंघ की स्थापना की।


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