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न्यूयॉर्क : लंबे समय तक बैठे रहना हृदय के लिए ठीक नहीं होता। यह कहना है शोधकर्ताओं का, जिनमें एक भारतीय मूल के भी हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि गतिहीनता से दिल की धमनियों में कैल्शियम का संग्रहण बढ़ जाता है, जिससे दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।
टेक्सास विश्वविद्यालय के साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर के एसोसिएट प्रोफेसर और शोधदल के वरिष्ठ सदस्य अमित खेरा ने बताया, यह पहला अध्ययन है जो दिखाता है कि देर तक बैठने और दिल में एथेरोस्केलोसिस के निर्माण में संबंध है। रोजाना सामान्य से एक घंटा अतिरिक्त बैठने से कोरोनरी ऑर्टी केल्शिफिकेशन का खतरा बढ़ जाता है।
यह शोध जर्नल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि रोजाना बैठने के समय में एक से दो घंटा की कमी करने से कार्डियोवैस्कूलर स्वास्थ्य पर प्रभावी सकारात्मक असर होता है। कई लोगों की नौकरी डेस्क पर बैठकर काम करने की होती है, कहीं-कहीं तो आठ घंटे लगातार बैठे रहना पड़ता है। ऐसे लोगों को सलाह दी गई है कि काम में बार-बार ब्रेक लेते रहें। थोड़ी-थोड़ी देर पर उठकर टहल लिया करें।
इस शोध में शोधकर्ताओं ने लगभग 2,000 प्रतिभागियों को शामिल किया और उन्हें पहनने के लिए एक डिवाइस दिया गया, ताकि उनकी सप्ताह भर की गतिविधियों का आंकड़ा मिलता रहे।
प्रतिभागियों ने औसतन रोजाना 5.1 घंटे बैठकर बिताए और रोजाना की शारीरिक गतिविधि औसतन मात्र 29 मिनट रही।
प्रतिभागियों ने औसतन रोजाना 5.1 घंटे बैठकर बिताए और रोजाना की शारीरिक गतिविधि औसतन मात्र 29 मिनट रही।
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