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नई दिल्ली:एससीओ शिखर सम्मेलन के साथ ही साथ एनएसजी का दो दिन का सालाना बैठक आज कोरिया के सियोल में शुरू हो रहा है। इस सम्मेलन में एनएसजी में भारत की सदस्यता पर विचार होना तय है। ताशकंद रवाना होने से पहले मोदी ने नई दिल्ली में कहा था कि भारत को एससीओ शिखर सम्मेलन में अपनी बातचीत के सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद है। एससीओ में भारत का प्रवेश उसे रक्षा, सुरक्षा और आतंकवाद-निरोध के क्षेत्रों में सदस्य देशों के साथ सहयोग का मौका उपलब्ध कराएगा।
ताशकंद रवाना होने से पहले मोदी ने कहा, ‘‘मैं एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने और एससीओ देशों के नेताओं के साथ मुलाकात करने उज्बेकिस्तान जाउंगा। एससीओ की सदस्यता मिलने पर भारत प्रसन्न है और एससीओ के माध्यम से खास तौर पर आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में बेहतर नतीजों की उम्मीद कर रहा है।’’ मोदी ने कहा कि भारत मध्य एशिया के साथ रिश्तों को खास अहमियत देता है और हमेशा इस क्षेत्र के साथ आर्थिक और जनता के स्तर पर रिश्ते मजबूत करना चाहता है। विदेश मंत्रालय में सचिव सुजाता मेहता ने कल कहा, ‘‘एससीओ में भारत के शामिल होने की प्रक्रिया बुनियादी दस्तावेज पर हस्ताक्षर के साथ पूरी होगी। इस दस्तावेज को मेमोरेंडम ऑफ ऑब्लिगेशंस कहा जाता है।’
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नई दिल्ली:एससीओ शिखर सम्मेलन के साथ ही साथ एनएसजी का दो दिन का सालाना बैठक आज कोरिया के सियोल में शुरू हो रहा है। इस सम्मेलन में एनएसजी में भारत की सदस्यता पर विचार होना तय है। ताशकंद रवाना होने से पहले मोदी ने नई दिल्ली में कहा था कि भारत को एससीओ शिखर सम्मेलन में अपनी बातचीत के सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद है। एससीओ में भारत का प्रवेश उसे रक्षा, सुरक्षा और आतंकवाद-निरोध के क्षेत्रों में सदस्य देशों के साथ सहयोग का मौका उपलब्ध कराएगा।
ताशकंद रवाना होने से पहले मोदी ने कहा, ‘‘मैं एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने और एससीओ देशों के नेताओं के साथ मुलाकात करने उज्बेकिस्तान जाउंगा। एससीओ की सदस्यता मिलने पर भारत प्रसन्न है और एससीओ के माध्यम से खास तौर पर आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में बेहतर नतीजों की उम्मीद कर रहा है।’’ मोदी ने कहा कि भारत मध्य एशिया के साथ रिश्तों को खास अहमियत देता है और हमेशा इस क्षेत्र के साथ आर्थिक और जनता के स्तर पर रिश्ते मजबूत करना चाहता है। विदेश मंत्रालय में सचिव सुजाता मेहता ने कल कहा, ‘‘एससीओ में भारत के शामिल होने की प्रक्रिया बुनियादी दस्तावेज पर हस्ताक्षर के साथ पूरी होगी। इस दस्तावेज को मेमोरेंडम ऑफ ऑब्लिगेशंस कहा जाता है।’
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