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नई दिल्ली: आपको मिलने वाले घरेलू LPG सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी से हो सकता है कि आपको हाथ धोना पड़े क्योंकि जल्दी ही केंद्र सरकार ऐसा नियम प्रस्तुत कर सकती है जिसके तहत गैस सब्सिडी के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी जमा कराना अनिवार्य हो जायेगा।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस प्रस्ताव के मुताबिक उपभोक्ता को गैस सब्सिडी हासिल करने के लिए एलपीजी डीलर के पास हर साल अपने इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी जमा करानी होगी।केंद्र सरकार की गिव इट अप स्कीम के बहुत कामयाब नहीं होने की सूरत में पेट्रोलियम मंत्रालय ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस से मंत्रालय को इनकम टैक्स एक्ट के तहत आईटीआर के तहत रिसीवर बनाए। ताकि उन लोगों को सब्सिडी न दी जाए जिनका सालाना वेतन 10 लाख से अधिक है।
कहा जा रहा है कि इस योजना को लागू करवाकर उच्च आय वर्ग के उपभोक्ताओं को सब्सिडी के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा।कहा जा रहा है कि सरकार इस नियम को लागू करने के लिए इनकम टैक्स एक्ट की धारा 138 में संसोधन कर सकती है। नए नियम से ऑयल मार्केटिंग कंपनियां सब्सक्राइर्ब्स का ब्योरा डायरेक्ट सीबीडीटी से लेंगी। जिससे ये आसानी से पता चल जाएगा कि कौन सा ग्राहक किस इनकम स्लैब में है और किससे सब्सिडी वापस लिया जाए।
गौरतलब है कि पिछले दिनों भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की थी कि आर्थिक रूप से मजबूत लोगों को अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए।पेट्रोलियम मंत्रालय की योजना है कि सीबीडीटी की ओर से प्राप्त जानकारी के आधार पर वो सालाना 10 लाख से अधिक आय वाले लोगों को सब्सिडी से बाहर कर दे।
इसीलिए मंत्रालय ने कहा है कि उच्च आय वर्ग के लोगों को एलपीजी सब्सिडी की सुविधा से बाहर करने के लिए उनकी टैक्सेबल इनकम के बारे में हर साल यह जानकारी होना बहुत जरूरी है।
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