नई दिल्ली: श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के 35 साल पूरे होने के मौके पर यमुना के किनारे आयोजित किये जा रहे तीन दिवसीय ‘विश्व संस्कृति महोत्सव’ को रद्द कराने की मांग वाली याचिकाओं पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण आज महत्वपूर्ण सुनवाई फिर से शुरू करेगा.
एनजीटी के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ मामले में सुनवाई करेगी जिसमें दिल्ली विकास प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार महोत्सव के लिए अनुमति देने के संबंध में अपनी दलीलें रखेंगे.
डीडीए ने तीन मार्च को कहा था कि उसने आयोजन के लिए सशर्त अनुमति दी है और कार्यक्रम के स्तर को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है. डीडीए ने इस बात से इनकार किया कि उसने नदी के किनारे पर कारों की पार्किंग के लिए 3.5 हेक्टेयर जमीन दी है.
एनजीटी यमुना की सफाई के लिए उसमें गिर रहे 17 नालों में एंजाइम प्रवाहित करने की फाउंडेशन की योजना के खिलाफ एक याचिका पर भी सुनवाई कर रहा है.
इससे पहले एनजीटी ने जलग्रहण क्षेत्र में महोत्सव के लिए चल रहे निर्माण कार्य को रोकने की एक और याचिका पर दिल्ली सरकार, डीडीए और आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन को नोटिस जारी किये थे.
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