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दिल्ली में आप पर से परेशानी के बादल छटने का नाम नहीं ले रहे हैं।
संदीप कुमार, पहलवान सिंह और अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर
भ्रष्टाचार के मामले में पहली FIR दर्ज हो गई है। दिल्ली महिला आयोग में 85
लोगों की नियुक्ति में धांधली के आरोप में एंटी करप्शन ब्रांच ने सीएम
केजरीवाल के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है।
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FIR के मुताबिक केजरीवाल पर भ्रष्टाचार, विश्वासघात और आपराधिक षड़यंत्र की धाराओं में FIR दर्ज की गई है। अरविन्द केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि ‘मेरा कसूर क्या है? पूरी FIR में नहीं बताया कि मेरा क्या रोल है। एक मुख्यमंत्री का नाम डालने से पहले तो 10 बार सोचते होंगे। जांच रिपोर्ट में मेरा नाम नहीं है, लेकिन अपराधियों की सूची में है’ केजरीवाल ने इसके लिए सीधा पीएम को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि ‘मुख्यमंत्री का नाम ऐसे तो नहीं आता जाहिर है प्रधानमंत्री के इशारे पर हुई है।’
जबकि एसीबी प्रमुख ने बताया कि ‘बरखा शुक्ला सिंह ने जो शिकायत दी है उसमें केजरीवाल का नाम है. नियम के हिसाब से शिकायत की पूरी कॉपी एफआईआर में तब्दील होती है। लेकिन एसीबी ने जांच की है उसमें केजरीवाल की भूमिका अभी तक नहीं पाई गई, इसलिए वो इस केस में अभी तक आरोपी नहीं हैं।’
बता दें कि दिल्ली महिला आयोग में कर्मचारियों की भर्ती के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने सोमवार को एक बार फिर डीसीडब्लू में जाकर दस्तावेजों की छानबीन की थी और आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल से घंटों पूछताछ की थी।
जानकारी के लिए बता दें कि एसीबी की यह कार्रवाई महिला आयोग की ही पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर चल रही है। शिकायत में आरोप लगाया गया कि स्वाति मालीवाल ने महिला आयोग में जरूरत से ज्यादा 85 लोग भर्ती किए। भर्ती करने में नियमों का पालन नहीं किया गया। भर्ती हुए लोगों में 90 फीसदी ‘आप’ के कार्यकर्ता हैं।
स्वाति मालीवाल के मुताबिक भर्ती नियमों के मुताबिक हुई है और यह कार्रवाई एक साजिश के तहत की जा रही है। यह दूसरा ऐसा मौका है जब इस मामले में एसीबी ने दिल्ली महिला आयोग के दफ्तर में जाकर कार्रवाई की है।
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FIR के मुताबिक केजरीवाल पर भ्रष्टाचार, विश्वासघात और आपराधिक षड़यंत्र की धाराओं में FIR दर्ज की गई है। अरविन्द केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि ‘मेरा कसूर क्या है? पूरी FIR में नहीं बताया कि मेरा क्या रोल है। एक मुख्यमंत्री का नाम डालने से पहले तो 10 बार सोचते होंगे। जांच रिपोर्ट में मेरा नाम नहीं है, लेकिन अपराधियों की सूची में है’ केजरीवाल ने इसके लिए सीधा पीएम को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि ‘मुख्यमंत्री का नाम ऐसे तो नहीं आता जाहिर है प्रधानमंत्री के इशारे पर हुई है।’
जबकि एसीबी प्रमुख ने बताया कि ‘बरखा शुक्ला सिंह ने जो शिकायत दी है उसमें केजरीवाल का नाम है. नियम के हिसाब से शिकायत की पूरी कॉपी एफआईआर में तब्दील होती है। लेकिन एसीबी ने जांच की है उसमें केजरीवाल की भूमिका अभी तक नहीं पाई गई, इसलिए वो इस केस में अभी तक आरोपी नहीं हैं।’
बता दें कि दिल्ली महिला आयोग में कर्मचारियों की भर्ती के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने सोमवार को एक बार फिर डीसीडब्लू में जाकर दस्तावेजों की छानबीन की थी और आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल से घंटों पूछताछ की थी।
जानकारी के लिए बता दें कि एसीबी की यह कार्रवाई महिला आयोग की ही पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर चल रही है। शिकायत में आरोप लगाया गया कि स्वाति मालीवाल ने महिला आयोग में जरूरत से ज्यादा 85 लोग भर्ती किए। भर्ती करने में नियमों का पालन नहीं किया गया। भर्ती हुए लोगों में 90 फीसदी ‘आप’ के कार्यकर्ता हैं।
स्वाति मालीवाल के मुताबिक भर्ती नियमों के मुताबिक हुई है और यह कार्रवाई एक साजिश के तहत की जा रही है। यह दूसरा ऐसा मौका है जब इस मामले में एसीबी ने दिल्ली महिला आयोग के दफ्तर में जाकर कार्रवाई की है।
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